Samas in Hindi| समास की परिभाषा एवं समास के भेद उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी 2025 -26

इस पोस्ट में, हम आपको Samas in Hindi समास हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसका शाब्दिक अर्थ “संक्षेप” या “संग्रह” है। यह दो या अधिक शब्दों को मिलाकर नए और छोटे सार्थक शब्द बनाने की प्रक्रिया है। समास के माध्यम से भाषा को संक्षिप्त, प्रभावशाली और सुगम बनाया जाता है।

समास का उपयोग भाषा को सरल और आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है। इसमें वाक्यांशों को छोटे-छोटे शब्दों में बदलकर भाषा में स्पष्टता और सौंदर्य लाया जाता है। यह साहित्य और लेखन में विशेष रूप से उपयोगी होता है, जहां शब्दों को कम करते हुए गहन अर्थ व्यक्त करना आवश्यक होता है।

समास के प्रकारों में तत्पुरुष, कर्मधारय, द्वंद्व, द्विगु, बहुव्रीहि, और अव्ययीभाव समास शामिल हैं। प्रत्येक प्रकार अपने ढांचे और अर्थ निर्माण की दृष्टि से अद्वितीय होता है।

समास की परिभाषा

दो या अधिक शब्दों को मिलाकर जब एक नया, सार्थक और छोटा शब्द बनाया जाता है, तो इस प्रक्रिया को समास कहते हैं। समास का शाब्दिक अर्थ है “संक्षेप” या “संग्रह।”

उदाहरण:

  1. राजा का पुत्रराजपुत्र
  2. घर के बाहरबाहरघर
  3. सोने के लिए कक्षशयनकक्ष

समास के भेद

समास के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं:

  1. तत्पुरुष समास
  2. कर्मधारय समास
  3. द्वंद्व समास
  4. द्विगु समास
  5. बहुव्रीहि समास
  6. अव्ययीभाव समास

1. तत्पुरुष समास

जिस समास में पहले शब्द का संबंध दूसरे शब्द से होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण:

  • ग्राम + निवासी → ग्रामवासी
  • राजा + पुत्र → राजपुत्र
तत्पुरुष के उपभेद:
  • षष्ठी तत्पुरुष: पिता का घर → पितृगृह
  • सप्तमी तत्पुरुष: नगर में आगमन → नगरागमन

2. कर्मधारय समास

जिस समास में पहले और दूसरे शब्द में विशेषण-विशेष्य का संबंध होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
उदाहरण:

  • नीला + आसमान → नीलाम्बर
  • बड़ा + आदमी → महापुरुष

3. द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों शब्द समान महत्व रखते हैं, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
उदाहरण:

  • राम + लक्ष्मण → रामलक्ष्मण
  • दिन + रात → दिन-रात

4. द्विगु समास

जिस समास में पहले पद संख्या या मात्रा को व्यक्त करता है, उसे द्विगु समास कहते हैं।
उदाहरण:

  • तीन + लोक → त्रिलोक
  • चार + वेद → चतुर्वेद

5. बहुव्रीहि समास

जिस समास का कोई भी पद उसके अर्थ को पूर्ण रूप से व्यक्त नहीं करता, बल्कि वह किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति का बोध कराता है, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
उदाहरण:

  • धन + धान्य → धनधान्य
  • चंद्र + मुख → चंद्रमुखी

6. अव्ययीभाव समास

जिस समास में पहला शब्द अव्यय (जिसका रूप नहीं बदलता) होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
उदाहरण:

  • जल्दी + आना → जल्दी आना
  • बिना + कारण → बिना कारण

समास की विशेषताएँ

  1. शब्दों को संक्षिप्त और सरल बनाता है।
  2. भाषा को अधिक प्रभावशाली बनाता है।
  3. नए और अर्थपूर्ण शब्दों का निर्माण होता है।

समास के उपयोग के लाभ

  • भाषा में व्यावहारिकता और सुंदरता बढ़ती है।
  • जटिल वाक्य सरल हो जाते हैं।
  • साहित्य और लेखन में प्रभावी अभिव्यक्ति के लिए उपयोगी।

यदि समास से जुड़ा कोई और प्रश्न हो, तो पूछें! 😊

हिंदी व्याकरण में समास के मुख्य भेद निम्नलिखित हैं:

1. तत्पुरुष समास

इस समास में पहला पद (शब्द) दूसरे पद पर निर्भर करता है। इसमें पहले शब्द का संबंध दूसरे शब्द से कारक के अनुसार होता है।

उदाहरण:

  • राजा का पुत्रराजपुत्र
  • गांव का निवासीग्रामवासी
तत्पुरुष के उपभेद:
  1. षष्ठी तत्पुरुष: पिता का घर → पितृगृह
  2. सप्तमी तत्पुरुष: मंदिर में प्रवेश → मंदिरप्रवेश
  3. द्वितीया तत्पुरुष: भोजन के लिए गया → भोजनार्थ

2. कर्मधारय समास

इसमें विशेषण और विशेष्य के बीच संबंध होता है।

उदाहरण:

  • नीला अम्बरनीलाम्बर
  • महान व्यक्तिमहापुरुष

3. द्वंद्व समास

इसमें दोनों शब्द समान महत्व रखते हैं, और दोनों का समन्वय किया जाता है।

उदाहरण:

  • राम और लक्ष्मणरामलक्ष्मण
  • दिन और रातदिन-रात

4. द्विगु समास

इसमें पहले शब्द में संख्या या मात्रा व्यक्त होती है।

उदाहरण:

  • तीन लोकत्रिलोक
  • सात घोड़ेसप्त अश्व

5. बहुव्रीहि समास

इस समास का अर्थ उसके पदों से अलग होता है। यह किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु का बोध कराता है।

उदाहरण:

  • धन और धान्य से पूर्ण व्यक्तिधनधान्य
  • चंद्र के समान मुख वालाचंद्रमुखी

6. अव्ययीभाव समास

इसमें पहला शब्द अव्यय होता है, और वह समस्त पद को विशेष अर्थ देता है।

उदाहरण:

  • घर के बाहरबाहरघर
  • बिना कारणनिःकारण

भेदों का सारणीबद्ध विवरण:

समास का नाम पहचान उदाहरण
तत्पुरुष समास पहले शब्द का संबंध दूसरे से होता है राजपुत्र, ग्रामवासी
कर्मधारय समास विशेषण-विशेष्य का संबंध महापुरुष, नीलाम्बर
द्वंद्व समास दोनों शब्द समान महत्व रखते हैं रामलक्ष्मण, दिन-रात
द्विगु समास संख्या/मात्रा व्यक्त होती है त्रिलोक, सप्तर्षि
बहुव्रीहि समास अर्थ किसी अन्य व्यक्ति/वस्तु का बोध धनधान्य, चंद्रमुखी
अव्ययीभाव समास पहला शब्द अव्यय होता है निःस्वार्थ, बाहरघर

 

अक्सर परीक्षा में आने वाले कुछ महत्वूर्ण समास विग्रह और उनके नाम

निचे कुछ महत्वपूर्ण समास विग्रह और उनके नाम दिए गए है, जो अक्सर एग्जाम में आते हैं-

सामासिक पद समास विग्रह समास के नाम
लेखन-कार्य लेखन का कार्य तत्पुरुष समास
आत्मपक्ष आत्मा का पक्ष तत्पुरुष समास
कृष्णार्पण कृष्ण के लिए अर्पित तत्पुरुष समास
रातोंरात रात ही रात में अव्ययीभाव समास
स्वार्थ स्व का अर्थ तत्पुरुष समास
राजगृह राजा का गृह तत्पुरुष समास
आशातीत आशा को लाँघकर गया हुआ तत्पुरुष समास
टाट-पट्टी टाट और पट्टी द्रन्द्र समास
अकालपीड़ित अकाल से पीड़ित तत्पुरुष समास
पेड़-पौधों पेड़ और पौधे द्रन्द्र समास
पहाड़फोड़ पहाड़ को फोड़नेवाला तत्पुरुष समास
अज्ञात जो ज्ञात न हो अव्ययीभाव समास
व्यर्थ बिना अर्थ के अव्ययीभाव समास
वीणापाणि वीणा हैं पाणी में जिसके बहुब्रीहि समास
नराधम नरों में अधम तत्पुरुष समास
अप्रिय नहीं हैं प्रिय अव्ययीभाव समास
शोकाकुल शोक से आकुल तत्पुरुष समास
नीरस बिना रस के अव्ययीभाव समास
शोभा-निकेतन शोभा का निकेतन तत्पुरुष समास
महाकाव्य महान काव्य कर्मधारय समास
निःसंदेह बिना संदेह के अव्ययीभाव समास
चहल-पहल चहल और पहल द्रन्द्र समास
भलाबुरा भला और बुरा द्रन्द्र समास
निर्जन नहीं हैं जान जहाँ, वह स्थान बहुब्रीहि समास
दशमुख दश हैं मुख जिसके बहुब्रीहि समास
जान-बूझकर जान और बूझकर द्रन्द्र समास
शराहत शर से आहत तत्पुरुष समास
लोकप्रेम लोक का प्रेम तत्पुरुष समास
वेशभूषा वेष और भूषा द्रन्द्र समास

निष्कर्ष: Samas in Hindi

इस लेख में हमने आपको Samas in Hindi के महत्व और उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया है। समास

समास के विभिन्न भेद, जैसे तत्पुरुष, कर्मधारय, द्वंद्व, द्विगु, बहुव्रीहि, और अव्ययीभाव, भाषा की सुंदरता और विविधता को बढ़ाते हैं। प्रत्येक भेद का अपना महत्व और उपयोग है

हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध होगा और आपकी तैयारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट करें, क्योंकि आपकी सफलता ही हमारी प्रेरणा है।

 

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