kriya in Hindi- क्रिया परिभाषा, भेद, और उदाहरण सहित सम्पूर्ण

क्रिया की परिभाषा और भेद kriya in Hindi

वह शब्द जो किसी कार्य के करने या घटित होने का बोध कराता है, उसे क्रिया (kriya) कहते हैं। जैसे- जाना, खाना, लिखना, देखना इत्यादि। प्रत्येक वाक्य क्रिया से ही पूरा होता है। यह किसी कार्य को करने या होने को दर्शाती है। क्रिया को करने वाला ‘कर्ता‘ कहलाता है। क्रिया के कई भेद होते हैं-

  • प्रयोग के आधार पर– संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेणार्थक क्रिया और पूर्वकालिक क्रिया।
  • कर्म की दृष्टि से क्रिया के भेद– सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया।

क्रिया किसे कहते हैं?

जो शब्द किसी कार्य के होने या करने का संकेत देते हैं, उन्हें क्रिया (kriya) कहते हैं। उदाहरण- रोहन लिखता है, सीता गाती है। वाक्य में क्रियाओं का महत्व इतना अधिक है कि यदि कर्ता या अन्य संयोजक का प्रयोग न भी किया जाए तो भी वाक्य का अर्थ क्रिया से ही स्पष्ट हो जाता है। उदाहरण के लिए- भोजन लाना, जाना आदि।

हिंदी भाषा में क्रिया वाक्य के मध्य या अंत में कहीं भी हो सकती है। क्रिया विकारी शब्द है, इस पर लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष इत्यादि का प्रभाव पड़ता है।

क्रिया के भेद

क्रिया (kriya) के कई भेद हैं, जैसे- संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेणार्थक क्रिया, पूर्वकालिक क्रिया, सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया। क्रिया का भेद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे प्रयोग के आधार पर विभाजित किया जा रहा है, या फिर कर्म के दृष्टि के आधार पर। आगे आप इसका विस्तृत जानकारी जानेंगे।

क्रिया के उदाहरण

क्रिया के निम्न उदाहरण हैं-

  • किट्टू बुद्धिमान बालक है।
  • शालिनी जा रही है।
  • घोड़ा दौड़ता है।
  • अभिषेक किताब पढ़ रहा है।
  • बाहर बर्फबारी हो रही है।
  • अविनाश कॉलेज जा रहा है।
  • स्वेता खाना खा रही है।
  • बच्चा रो रहा है।
  • श्याम पानी पी रहा है।
  • अभिजीत खेल रहा है।

क्रिया के प्रकार

क्रिया (kriya) के प्रकार कई बातों पर निर्भर करते हैं, जैसे- प्रयोग के आधार पर और कर्म के दृष्टि के आधार पर। नीचे इसका विस्तृत जानकारी दिया गया है-

प्रयोग के आधार पर क्रिया के प्रकार या भेद

प्रयोग या रचना के आधार पर क्रिया (kriya) के चार भेद होते हैं-

  • संयुक्त क्रिया
  • नामधातु क्रिया
  • प्रेणार्थक क्रिया
  • पूर्वकालिक क्रिया

संयुक्त क्रिया

जो क्रिया दो या दो से अधिक धातुओं के मेल से बनती है, उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं। जैसे- रोशन घर से लौट आया, तौहीद रोने लगा।

संयुक्त क्रिया के प्रकार

संयुक्त क्रिया के मुख्य 11 भाग होते हैं:

  • आरम्भबोधक
  • समाप्तिबोधक
  • अवकाशबोधक
  • अनुमतिबोधक
  • नित्यताबोधक
  • आवश्यकताबोधक
  • निश्चयबोधक
  • इच्छाबोधक
  • अभ्यासबोधक
  • शक्तिबोधक
  • पुनरुक्त संयुक्त क्रिया

नामधातु क्रिया

क्रिया को छोड़कर दूसरे शब्दों (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण इत्यादि) से जो धातु बनते हैं, उसे नामधातु क्रिया कहते हैं। उदाहरण- लुटेरों ने जमीन हथिया ली। हमें गरीबों को अपनाना चाहिए।

प्रेणार्थक क्रिया Prernarthak kriya in hindi

जब कर्ता किसी कार्य को स्वयं न करके किसी दूसरे को कार्य करने की प्रेरणा दे, तो उस क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। उदाहरण- लिखना से लिखवाना, करना से करवाना।

Prernarthak kriya Type प्रेणार्थक क्रिया के प्रकार 

प्रेणार्थक क्रिया के 2 प्रकार होते हैं:

  1. प्रथम प्रेणार्थक क्रिया
  2. द्वितीय प्रेणार्थक क्रिया

प्रेरणार्थक क्रिया (Causative Verb) in Hindi

प्रेरणार्थक क्रिया वे क्रियाएँ होती हैं जिनमें कर्ता (subject) स्वयं कार्य न करके किसी अन्य व्यक्ति से कार्य करवाता है। यानी, जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे से कार्य करवाने की स्थिति में होता है, तो वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया का प्रयोग किया जाता है।

प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण:

  1. मैंने राम से पत्र लिखवाया।
  2. गुरुजी ने छात्रों से कविता याद करवाई।
  3. माँ ने बच्चे को दवा पिलाई।
  4. राजू ने मजदूरों से मकान बनवाया।
  5. पिता जी ने दुकान खुलवाई।

ऊपर दिए गए वाक्यों में “लिखवाया”, “करवाई”, “पिलाई”, “बनवाया” और “खुलवाई” – ये सभी प्रेरणार्थक क्रियाएँ हैं, क्योंकि इन क्रियाओं में कर्ता स्वयं कार्य नहीं कर रहा, बल्कि किसी और से कार्य करवा रहा है।

प्रेरणार्थक क्रिया की पहचान:

  1. इसमें कर्ता (Subject) स्वयं कार्य नहीं करता, बल्कि किसी अन्य से कार्य करवाता है।
  2. “वाना”, “वाना”, “लाना”, “पिलाना”, “दिलाना”, “सिखाना” जैसे प्रत्यय (suffixes) शब्दों के अंत में जोड़े जाते हैं।
  3. यह क्रिया “क्या करवाया?” के उत्तर में आती है।

प्रेरणार्थक क्रिया के प्रकार:

प्रेरणार्थक क्रियाएँ मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं:

1. सहज प्रेरणार्थक क्रिया

➡ जब कर्ता अपने अधीनस्थ व्यक्ति से कोई कार्य करवाता है।
उदाहरण:

  • पिता ने बेटे को पढ़ाया।
  • शिक्षक ने बच्चों को कविता लिखवाई।

2. बलपूर्वक प्रेरणार्थक क्रिया

➡ जब कर्ता किसी अन्य से जबरदस्ती कार्य करवा लेता है।
उदाहरण:

  • राजा ने दासों से महल बनवाया।
  • साहूकार ने किसान से काम करवाया।

3. विनम्र प्रेरणार्थक क्रिया

➡ जब कार्य प्रेमपूर्वक या अनुरोध के रूप में करवाया जाता है।
उदाहरण:

  • मैंने दोस्त से गीत गवाया।
  • माँ ने बेटे से पानी मंगवाया।

सकर्मक, अकर्मक और प्रेरणार्थक क्रिया में अंतर:

क्रिया का प्रकार परिभाषा उदाहरण
सकर्मक क्रिया जब क्रिया का प्रभाव किसी वस्तु (object) पर पड़ता है। राम खाना खा रहा है।
अकर्मक क्रिया जब क्रिया का प्रभाव किसी वस्तु पर नहीं पड़ता। राम सो रहा है।
प्रेरणार्थक क्रिया जब कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी अन्य से कार्य करवाता है। राम ने मोहन से खाना बनवाया।

 

पूर्वकालिक क्रिया

जब कोई कर्ता एक क्रिया समाप्त करके दूसरी क्रिया करता है, तब पहली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है। उदाहरण- वह खाना खा कर सो गया, श्याम ने घर पहुंचकर फोन किया।

कर्म के दृष्टि के आधार पर क्रिया के प्रकार या भेद

कर्म के दृष्टि के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं:

सकर्मक क्रिया sakarmak kriya in hindi

जब वाक्य में क्रिया के साथ कर्म भी हो, तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। अर्थात जिस क्रिया का फल कर्म पर पड़े उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। उदाहरण- राधा गाना गाती है, अध्यापक पुस्तक पढ़ा रहे हैं।

सकर्मक क्रिया के प्रकार sakarmak kriya in hindi

सकर्मक क्रिया 2 प्रकार के होते हैं:

  1. एककर्मक क्रिया
  2. द्विकर्मक क्रिया

सकर्मक क्रिया (Transitive Verb) वह क्रिया होती है जिसमें कर्ता (कर्ता – जो कार्य करता है) के द्वारा किया गया कार्य कर्म (object) पर प्रभाव डालता है। अर्थात, जिन क्रियाओं के साथ कर्म का प्रयोग किया जाता है, वे सकर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण sakarmak kriya Example

  1. राम किताब पढ़ता है।
  2. सीता फल खाती है।
  3. बच्चे गाना गाते हैं।
  4. किसान खेत जोत रहा है।
  5. मैं पानी पी रहा हूँ।

ऊपर दिए गए वाक्यों में “किताब”, “फल”, “गाना”, “खेत” और “पानी” – ये सभी कर्म हैं, जिन पर कर्ता का कार्य प्रभाव डालता है। इसलिए इन वाक्यों में प्रयुक्त क्रियाएँ सकर्मक क्रियाएँ हैं।

सकर्मक क्रिया की पहचान

  • वाक्य में कार्य किसी वस्तु या व्यक्ति पर प्रभाव डालता है।
  • कर्म के बिना वाक्य अधूरा लगता है।
  • प्रश्न पूछने पर “क्या?” या “किसे?” का उत्तर मिलता है।

उदाहरण के लिए:
राम खाना खा रहा है। (क्या खा रहा है? → खाना)
मोहन गेंद फेंक रहा है। (क्या फेंक रहा है? → गेंद)

सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर

सकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया
कर्म (object) की आवश्यकता होती है। कर्म की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न करने पर “क्या?” या “किसे?” का उत्तर मिलता है। प्रश्न करने पर “कैसे?” या “कहाँ?” का उत्तर मिलता है।
उदाहरण: राम खाना खा रहा है। उदाहरण: बच्चा सो रहा है।

 

अकर्मक क्रिया akarmak kriya in hindi

वाक्य में जब क्रिया के साथ कर्म नहीं होता है, तो उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। उदाहरण- राम पढ़ता है, गीता जाती है।

अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb)

अकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है जिसमें कर्ता स्वयं कार्य करता है, लेकिन उसका प्रभाव किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति पर नहीं पड़ता। यानी, इन क्रियाओं के साथ कर्म (object) नहीं होता।

अकर्मक क्रिया के उदाहरण akarmak kriya Example

  1. मोहन सो रहा है।
  2. पक्षी उड़ रहे हैं।
  3. बच्चा हँस रहा है।
  4. बारिश हो रही है।
  5. राम भाग रहा है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में “सोना”, “उड़ना”, “हँसना”, “होना” और “भागना” – ये सभी अकर्मक क्रियाएँ हैं, क्योंकि इनका प्रभाव किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति पर नहीं पड़ता।

अकर्मक क्रिया की पहचान

  • वाक्य में कर्म (object) की आवश्यकता नहीं होती।
  • कार्य केवल कर्ता (subject) द्वारा किया जाता है।
  • प्रश्न पूछने पर “कैसे?”, “कहाँ?” या “कब?” का उत्तर मिलता है।

उदाहरण:
सीमा हँस रही है। (कैसे हँस रही है? → हँस रही है)
बच्चा रो रहा है। (कैसे रो रहा है? → रो रहा है)
हवा चल रही है। (क्या चल रही है? → हवा, लेकिन इसका प्रभाव किसी चीज़ पर नहीं पड़ता)

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

क्रिया शब्द का अर्थ क्या है?

क्रिया (kriya) शब्द का अर्थ ‘करना’ होता है।

प्रेणार्थक क्रिया के कितने भेद होते हैं?

प्रेणार्थक क्रिया के दो भेद हैं: प्रथम प्रेणार्थक क्रिया और द्वितीय प्रेणार्थक क्रिया।

क्रिया कितने प्रकार की होती है?

क्रिया मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है- प्रयोग के आधार पर और कर्म के दृष्टि से।

क्रिया के 10 उदाहरण क्या हैं?

  1. राम सो रहा है।
  2. सीता गाना गा रही है।
  3. बच्चा रो रहा है।
  4. अमित किताब पढ़ रहा है।
  5. शिक्षक पढ़ा रहे हैं।
  6. मोहन दौड़ रहा है।
  7. पानी बरस रहा है।
  8. सुरेश क्रिकेट खेल रहा है।
  9. सविता नाच रही है।
  10. आकाश मुस्कुरा रहा है।

 

निष्कर्ष

इस लेख में हमने क्रिया (kriya in hindi) की परिभाषा, भेद, उदाहरण और इसके प्रकार के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। हिंदी व्याकरण में क्रिया का विशेष महत्व है, और यह वाक्य की मुख्य आधारशिला होती है। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी रहा होगा। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध होगा और आपकी तैयारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट करें, क्योंकि आपकी सफलता ही हमारी प्रेरणा है।

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